सदियों से मंदिर में मूरत सा सजाकर पूजती रही जिसे क्यूँ वो ही मुझको पत्थर समझता रहा.. स्त्री साथी को... सदियों से मंदिर में मूरत सा सजाकर पूजती रही जिसे क्यूँ वो ही मुझको पत्थर समझता र...
एक दिन हमारे बीच 'मैं' आया, फिर 'मैं' 'तू-तू मैं-मैं' में बदल गया एक दिन हमारे बीच 'मैं' आया, फिर 'मैं' 'तू-तू मैं-मैं' में बदल गया
चल चलते हैं कहीं चल चलते हैं कहीं
चौधरी साहब इक दिन होटल पहुंचे सूट-बूट पहन के बड़े अकड़े! चौधरी साहब इक दिन होटल पहुंचे सूट-बूट पहन के बड़े अकड़े!
जीवन की मधुशाला में नशे की कमी नहीं ! जीवन की मधुशाला में नशे की कमी नहीं !
साफ से अक्स भी आँखों को धूमिल फिर दिखने लगे साफ से अक्स भी आँखों को धूमिल फिर दिखने लगे